स्वामी दयानंद सरस्वती (Swami Dayananda Saraswati) भारतीय संत, धार्मिक विचारक, और समाज सुधारक थे। वे 19वीं सदी के महत्वपूर्ण आध्यात्मिक गुरु थे और आर्य समाज के संस्थापक थे।
स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों के महत्व को प्रमोट किया और "सत्यार्थ प्रकाश" नामक ग्रंथ के माध्यम से वेदों के मुद्दों पर अपने विचार और विशेष धार्मिक दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की और उसके माध्यम से समाज में धार्मिक सुधार और समाजिक सुधार को प्रोत्साहित किया।
स्वामी दयानंद सरस्वती के विचार और उनका योगदान भारतीय समाज और धर्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण रहा है, और उन्होंने वेदों के महत्व को नया जीवन दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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