ईश्वर चंद विद्यासागर भारतीय समाज के प्रमुख सामाजिक सुधारक और शिक्षा के प्रमुख विचारक थे। उनका जन्म 26 सितंबर 1820 को हुआ था, और उनका मृत्यु 29 जुलाई 1891 को हुआ था। विद्यासागर भारतीय शिक्षा और सामाजिक सुधार के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रसिद्ध थे।
विद्यासागर ने विधवाओं के पुनरविवाह के समर्थन में अपने जीवन को समर्पित किया और उन्होंने सती प्रथा के खिलाफ अपनी सख्त आलोचना की। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी कदम उठाए और शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए कई सुधार किए।
उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय के पहले भारतीय प्राचार्य बने और वह भारतीय साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में भी अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध थे। विद्यासागर एक महान शिक्षाविद् और समाज सुधारक के रूप में याद किए जाते हैं और उनकी यादें आज भी भारतीय समाज में जीवंत हैं।
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