वराहमिहिर (Varahamihira) भारतीय ज्योतिष और गणितकार थे, जो 6वीं शताब्दी में जीते थे। वे एक प्रमुख आध्यात्मिक और ज्योतिष ग्रंथ "बृहत् संहिता" के लेखक थे, जो भारतीय ज्योतिष शास्त्र में महत्वपूर्ण माना जाता है।
वराहमिहिर ने ज्योतिष, गणित, आद्यात्म, और वास्तुकला के क्षेत्र में अपनी बृहत् संहिता में व्यापक ज्ञान दिया। उनका काम ग्रहण ज्योतिष (ऑस्ट्रोनॉमी) के लिए महत्वपूर्ण है और उन्होंने ग्रहों की गति, सूर्य और चंद्रग्रहण, और अन्य ज्योतिषिक विषयों पर विचार किया। उनका योगदान भारतीय ज्योतिष और गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है और उन्हें भारतीय गणितकारों के सर्वोत्तम में से एक माना जाता है।
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